*समीर वानखेड़े को जाति प्रमाण पत्र के संबंध में 2 सप्ताह के भीतर जवाब देने के निर्देश*/रिपोर्ट स्पर्श देसाई
*समीर वानखेड़े को जाति प्रमाण पत्र के संबंध में 2 सप्ताह के भीतर जवाब देने के निर्देश*/रिपोर्ट स्पर्श देसाई
【 मुंबई/ रिपोर्ट स्पर्श देसाई】मुंबई उच्च न्यायालय ने समीर वानखेड़े की याचिका पर दो सप्ताह के भीतर समिति और अन्य प्रतिवादियों को जाति प्रमाण पत्र रद्द करने के संबंध में जाति सत्यापन समिति द्वारा जारी कारण बताओ नोटिस को चुनौती देने वाली याचिका पर जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया था। मामले की अगली सुनवाई 4 जुलाई को तय की गई है साथ ही अगर समीर वानखेड़े समिति के समक्ष लंबित सुनवाई स्थगित करने के लिए एक आवेदन दायर करते हैं तो समिति को 11 जुलाई तक सुनवाई स्थगित करनी चाहिए, उच्च न्यायालय ने आदेश में स्पष्ट किया है। मुंबई क्रूज ड्रग्स मामले में राज्य के अल्पसंख्यक मंत्री नवाब मलिक और एनसीबी के पूर्व संभागीय निदेशक समीर वानखेड़े के खिलाफ आरोप लगाए गए थे। नवाब मलिक ने दावा किया था कि समीर वानखेड़े एक भ्रष्ट और फिरौती का अधिकारी था जिसने कई निर्दोष लोगों को नकली ड्रग मामलों में फंसाया था। नवाब मलिक ने यह भी दावा किया कि समीर वानखेड़े जन्म से मुस्लिम थे और उन्होंने पिछड़े वर्ग के आरक्षण में घुसपैठ की और फर्जी जाति प्रमाण पत्र पेश कर सरकारी नौकरी हासिल की थी। उसके बाद समीर वानखेड़े महाराष्ट्र सरकार के अधीन सामाजिक न्याय एवं विशेष सहायता विभाग, महाराष्ट्र सरकार के तहत जाति प्रमाण पत्र सत्यापन समिति के पास एक नकली जाति प्रमाण पत्र है साथ ही जाति सत्यापन समिति ने मलिक की शिकायत पर संज्ञान लिया है। समिति ने वानखेड़े को कारण बताओ नोटिस जारी किया था। समिति ने वानखेड़े से पूछा कि क्यों न उनका जाति प्रमाण पत्र रद्द कर दिया जाए। सत्यापन समिति ने 29 अप्रैल को वानखेड़े को नोटिस जारी किया था। नोटिस को लेकर वानखेड़े ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। वानखेड़े ने नोटिस का जवाब देने के लिए और समय लेने की कोशिश की थी।【Photo Courtesy Google】
★ब्यूरो रिपोर्ट स्पर्श देसाई√•Metro City Post•News Channel•#समीर वानखेड़े
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