*अंतरिक्ष में सैटेलाइट्स की भीड़! इनकी चमक से खगोलविद ग्रहों को नहीं देख पा रहे,आंकड़े गड़बड़ा रहे*/रिपोर्ट स्पर्श देसाई
*अंतरिक्ष में सैटेलाइट्स की भीड़! इनकी चमक से खगोलविद ग्रहों को नहीं देख पा रहे,आंकड़े गड़बड़ा रहे*/रिपोर्ट स्पर्श देसाई
(मुंबई/ रिपोर्ट स्पर्श देसाई)अगर हम किसी बड़े शहर के ट्रैफिक सिग्नल पर रुकी गाड़ियों की कल्पना करें तो दूर तक कतार नजर आती है. समझ लीजिए,यही स्थिति अब अंतरिक्ष की हो गई है । पिछले कुछ सालों में छोड़े गए सैटेलाइट के कारण खगोलविद बड़ी मुश्किल में हैं । वे रात में तारों और ग्रहों को देखने की कोशिश करते हैं लेकिन सैटेलाइट की चमक में सब धुंधला जाता है । इसी तरह टेलीस्कोप से ली गई तस्वीरों में रोशनी की कतार दिखाई देती है ।
कैलिफोर्निया की स्पेस एक्स कंपनी ने 3 साल पहले पहला सैटेलाइट स्टारलिंक छोड़ा था । तबसे कई स्टारलिंक लॉन्च किए जा चुके हैं । उनमें से 2,300 से अधिक अब भी पृथ्वी की कक्षा में घूम रहे हैं । यह संख्या सभी सक्रिय सैटेलाइट की संख्या की आधी है । हाल में हुआ अध्ययन बताता है कि आने वाले समय में आकाश में सैटेलाइट का जमावड़ा 50° दक्षिण और 50° उत्तर में सबसे अधिक दिखाई देगा,जहां यूरोपियाई और कनाडाई खगोलविद आकाशगंगा को निहारने के लिए सबसे ज्यादा जुटते हैं ।
यदि स्पेस एक्स और दूसरी कंपनियां योजना के अनुसार आने वाले समय में 65 हजार सैटेलाइट भेजती हैं तो संक्रांति के समय रातभर पूरे आकाश में चमकते बिंदु दिखाई देंगे । यही नहीं सूर्योदय और सूर्यास्त के समय सामान्य आंखों से दिखने वाले हर 14 तारों में से एक वास्तव में सैटेलाइट होगा । यूनिवर्सिटी ऑफ वॉशिंगटन के खगोलविद मेरेडिथ रॉल्स कहते हैं,कुछ सालों में हजारों नए सैटेलाइट छोड़े जाने हैं । ऐसे में स्थिति भयावह हो सकती है । कनाडा स्थित यूनिवर्सिटी ऑफ रेजिना की एस्ट्रोनॉमर सामंथा लॉलेर कहती हैं,सैटेलाइट की भीड़ के कारण खगोलीय पिंडों के बजाय पूरे आकाशगंगा का अध्ययन करने वाली वेधशालाएं भी प्रभावित हो रही हैं ।
कैलिफोर्निया के पालोमर पर्वत पर 1.2 मीटर के टेलीस्कोप वाली वेधशाला ने अगस्त 2021 में जो तस्वीरें लीं,उनमें से 18% तस्वीरों में सैटेलाइट की चमकीली लकीरें थीं । इस अप्रैल 2022 की तस्वीरों में 25% तस्वीरें चमकीली थीं । इसके चलते वेधशाला के कई आकलन गड़बड़ा गए हैं।( Photo Courtesy Google)
~ब्यूरो रिपोर्ट स्पर्श देसाई √•Metro City Post•News Channel•#सैटेलाइट
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