*दो मेंढकों ने इस देश में मचा दी हलचल,खनन से जुड़े सारे कामों पर लगा सकती है रोक*/रिपोर्ट स्पर्श देसाई
*दो मेंढकों ने इस देश में मचा दी हलचल,खनन से जुड़े सारे कामों पर लगा सकती है रोक*/रिपोर्ट स्पर्श देसाई
(मुंबई/रिपोर्ट स्पर्श देसाई) जंगलों में भारी-भरकम लड़कियां उठाने और चट्टानों के बीच जीवविज्ञानी एंड्रिया टेरान आराम से "यूरेका-यूरेका" चिल्ला सकते हैं क्योंकि उनके हाथ में मेंढकों की दो ऐसी प्रजातियां हाथ लग गयी हैं । जो इक्वाडोर में खनन के खिलाफ उनका पक्ष मजबूत कर सकता है। ये दोनों मेंढक लंबाई में चार सेंटीमीटर से अधिक नहीं हैं। देखने में बेहद महत्वहीन लगते हैं लेकिन उन पर बहुत कुछ टिका हुआ है अर्थात एक संवैधानिक अदालती मामला जो अधिकांश इक्वाडोर में खनन प्रक्रिया को रोक सकता है।
*जैव विविधता से भरा है ये इलाका*
खनन क्षेत्रों के पास का यह इलाका दुनिया भर में जैव विविधता के हॉटस्पॉट और संरक्षण के लिए महत्वपूर्ण है। इनमें से एक मेंढक लांग नोज हार्लेक्विन मेंढक है जिसे आखिरी बार साल 1989 में देखा गया था। इस मेंढक को विलुप्त मान लिया गया था। जब तक कि इसे साल 2016 में एक खनन फिर से खोज नहीं लिया गया था। इसके साथ ही एक अन्य मेंढक जो कि बहुत दुर्लभ रॉकेट मेंढक था । वह साल 2019 में मिला था। जिसे आखिरी बार साल 1985 में देखा गया था। दोनों को एक बड़े पैमाने पर तांबा खनन परियोजना को रोकने के लिए सूचीबद्ध किया गया है । जिसे आठ अलग-अलग इक्वाडोर सरकारों द्वारा बढ़ावा दिया गया है।
*मेंढक के खत्म होने का खतरा*
इंटरनेशनल यूनियन फॉर कंजर्वेशन ऑफ नेचर की रेड लिस्ट के मुताबिक हार्लेक्विन मेंढक उस जंगल में पाया गया है । जो एक तांबा परियोजाना को सौंप दिया गया है। इस तांबा परियोजना का लक्ष्य आगामी साल 2024 तक 210,000 टन तांबे का उत्पादन करना है अगर खनन से वहां का पानी दूषित होता है तो ये लुप्त होने के कगार पर खड़े मेंढक समाप्त हो जाएंगे। इस मेंढक की आखिरी आबादी खत्म हो जाएगी। साल 2019 में रॉकेट मेंढक के मिलने के बाद टेरोन ने इन्हें बचाने के लिए अदालत का दरवाज खटखटाने की सोची थी और साल 2020 में अदालत में एक मुकदमा दायर किया गया था।
*कोर्ट का दरवाजा खटखटाया*
जंबातु केंद्र के वैज्ञानिकों के मुताबिक जब उन्होंने रॉकेट मेंढक की एक नयी प्रजाति ढूंढी तो उन्हें लगा कि यह कोई अलग मेंढक है लेकिन जब इसका अनुवांशिक अध्ययन किया गया तो पता चला कि ये एक मेंढक की अज्ञात प्रजाति है। इस उम्मीद में वैज्ञानिकों ने इसका नाम रेसिस्टेंस मेंढक रखा गया था क्योंकि जिस परिस्थिति में यह मेंढक रहता है वह बेहद मुश्किल है। अब इसके बाद वैज्ञानिकों ने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। उन्हें उम्मीद है कि उनकी ये कोशिश इक्वाडोर में चल रहे लगातार खनन को रोक सकती है। वहीं,खनन से जुड़े व्यापारियों को डर है कि यदि वे केस हारते हैं तो उन्हें अरबों का नुकसान उठाना पड़ सकता है।
*इक्वाडोर ने 2008 में अपनाया नया संविधान*
वैज्ञानिकों के मुताबिक यहां 1,000 से अधिक उभयचर प्रजातियां जिनमें केंट्रोलेनिडाए परिवार के 83 जीव शामिल हैं। ये खनन क्षेत्र के आसपास अलग-अलग जगह पाए जाते हैं। खनन के होने यहां इन जीवों के अस्तित्व पर खतरा मंडरा रहा है। आपको बतादें कि इक्वाडोर ने साल 2008 में एक नया संविधान अपनाकर वैश्विक सुर्खियां बटोरीं थी, जिसने 'पचामामा' यानी कि मां समान धरती के अस्तित्व और 'अपने चक्रों, संरचना, कार्यों और विकासवादी प्रक्रियाओं को बनाए रखने और पुन: उत्पन्न करने' का अधिकार स्थापित किया था। (Photo Courtesy Google)
~ब्यूरो रिपोर्ट स्पर्श देसाई √•Metro City Post•News Channel•#मेंढक
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