आदिवासी बस्ती में जरूरतमंद लोगों को कवि और उदघोषक दिनेश्वर माली रोहिडा (राज.)ने किया स्वेटर, शॉल, ऊनी टोपी एवं गरम कपड़ो का वितरण / रिपोर्ट स्पर्श देसाई
मुंबई / रिपोर्ट स्पर्श देसाई
मुलत: राजस्थान के हाल मुंबई के सरस्वती पुत्र ने अपनी कमाई में से 20 प्रतिशत का हिस्सा समाज की सेवा और परोपकार में खर्च करने का लिया संकल्प ।
मुलत: रोहिडा (राजस्थान) गाँव के युवा कवि और मशहूर उदघोषक दिनेश्वर माली रोहिडा ने खुद सरस्वती पुत्र होकर सर्दी की ठिठूरन में ठंड से कांपते हुए आदिवासी क्षैत्र में जरूरतमंद लोगों को अपनी कमाई के 20 प्रतिशत के हिस्से से शॉल, स्वेटर, कम्बल एवं अन्य ओढने पहनने के कपड़े निःशुल्क वितरण करके सेवा और परोपकार का एक अनूठा उदाहरण पेश किया।
आदिवासी बस्ती जहाँ कही छोटे छोटे बच्चे ठंड की भयानक ठिठुरन में बिना ओढने के कपड़ो से काँपते रहते है । ऐसी स्थिति में उन्होंने मशहूर मोटिवेशनल स्पीकर सोनू शर्मा से प्रेरित होकर व्यवसाय के साथ समाज की सेवा और परहित परोपकार के कार्यं करते हुए आगे बढ़ने हेतु प्रयास किए। भुला की आदिवासी बस्तियो में सर्दी में यह सेवा का कार्य उनके द्वारा व्यक्तिगत रूप से किया गया।
स्थानीय पत्रकारों के सवाल पर माली ने बताया कि उन्होंने जीवन में सेवा और परोपकार की प्रेरणा सोनू शर्मा से ली है जीवन मे उम्र भले ही कम हो मगर दिल मे अगर सेवा करने की भावना हो तो आप किसी भी उम्र में सेवा के कार्य कर सकते है।
उन्होंने विचार व्यक्त करते हुए कहाँ कि जरूरतमंद लोगों की सेवा करने के लिए अमीर आदमी या बड़ा आदमी बनने का इंतजार करना नही चाहता । भगवान ने अब तक जो दिया है जितना दिया है उस कमाई के 20 प्रतिशत के हिस्से से सेवा परहित परोपकार का कार्य करके एक मिशाल पेश की । जीवन में कुछ करने की भावना हो तो हम उसकी शुरुआत कभी भी कही से भी कर सकते है। आगे वह गरीब एवं जरूरतमन्द लोगों के लिए शिक्षा एवं चिकित्सा के क्षैत्र में विशेष सेवा कार्य को आगे बढ़ाने की चाहत रखते है।
ज्ञात रहे कि मायानगरी मुम्बई में कवि, उदघोषक, पत्रकार की छोटी सी उम्र में अपनी एक अलग पहचान बना चुके दिनेश्वर माली राजस्थान के इतिहास की पहली और सबसे बड़ी राजस्थानी कलाकार ऐड्रेस डायरेक्टरी के प्रधान संपादक एवं प्रकाशक है। "कलाकार ए राजस्थान" जैसे टेलेंट प्लेटफॉर्म के आयोजक है। हिन्दी एवं राजस्थानी म्यूजिक एलबमों के गीतकार के तौर पर भी जिनकी एक उल्लेखनीय पहचान है। जिनकी लिखी हुई कविता गीत एवं भजनों से जुड़ी 12 किताबें प्रकाशित हो चुकी है। मुम्बई से वह "खबरें गौरव" समाचार पत्र के सम्पादक के तौर पर वह काव्य साहित्य एवं पत्रकारिता के क्षैत्र में उल्लेखनीय कार्य करने हेतु "किसान कवि" "राजस्थान गौरव रत्न" जैसी उपाधियों से सम्मानित भी किया जा चुका है।
छोटी सी उम्र में सरस्वती पुत्र होकर सेवा के कार्य की उल्लेखनीय एवं सराहनीय पहल हेतु उनके मित्रो एवं शुभ चिंतकों ने हार्दिक शुभकामना प्रदान की।
◆रिपोर्ट स्पर्श देसाई √●Metro City Post # MCP●News Channel ◆ के लिए...
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