अखिल भारतीय हिन्दू महासभा प्रदेशाध्यक्ष रंजीत बच्चन की हूई हत्या, समाजवादी पार्टी ने मांगा योगी सरकार का इस्तीफा /रिपोर्ट स्पर्श देसाई
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मुंबई/रिपोर्ट स्पर्श देसाई
रविवार 2 फरवरी को सुबह सुबह लखनऊ के हजरत गंज इलाके में अखिल भारतीय हिन्दू महासभा अध्यक्ष रंजीत बच्चन की हत्या कर दी हो जाने पर इलाके के आसपास सनसनी फैल गई थी । रंजीत बच्चन को किसी अज्ञात बाइक सवारों ने गोली मारी दी थी।
जिस वक्त रंजीत बच्चन को बदमाशों ने गोली मारी वह मॉर्निंग वॉक के लिए अपने भाई के साथ निकला था । रंजीत बच्चन की मौत मौका ए वारदात पर हो गई थी । जबकी इस घटना में उनका भाई घायल हुआ था ।
इस सनसनी भरी वारदात के बाद राजनीति गर्मा गई थी और समाजवादी पार्टी ने मांगा योगी सरकार का इस्तीफा मांगा था । अखिल भारतीय हिन्दू महासभा अध्यक्ष की हत्या के बाद युपी की राजनीति तेज हो गई थी । समाजवादी पार्टी ने इस घटना को लेकर सीधे योगी सरकार पर निशाना साधते हुए उनसे इस्तीफा मांगा था ।
समाजवादी पार्टी की ओर से हूई ट्वीट में लिखा गया है कि लखनऊ में दिनदहाड़े इस हत्या के चलते आम लोगों में दहशत का माहौल है। यूपी में सरकार और पुलिस का इकबाल खत्म हो गया है। इसलिए सरकार फौरन इस्तीफा दे दे।
आईए अब जाने कि कौन था यह रंजीत बच्चन,
अखिल भारतीय हिन्दू महासभा के प्रदेश अध्यक्ष रंजीत बच्चन पहले समाज वादी पार्टी का कार्यकर्ता था । समाजवादी पार्टी की सरकार में ही उन्हें ओसीआर में आवास का आवंटन हुआ था। कुछ समय पूर्व उनकी पत्नी ने उनके खिलाफ गोरखपुर में रिपोर्ट दर्ज कराई थी । वहीं आज सुबह रंजीत अपने भाई और उनकी पत्नी अलग अलग मार्निंग वाक पर निकले हुए थे ।आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए पुलिस कमिश्नर सुजीत पांडेय ने छह टीमें गठित की हैं आरोपियों को गिरफतार करने के लिए ।
इस वारदात के साथ कमलेश तिवारी की हत्या भी चर्चा में आ गई थी क्योंकि हाल के महीनों में राजधानी लखनऊ में यह हिंदू संगठन से जुड़े दूसरे नेता की हत्या है। इससे पहले साल 2019 के अक्टूबर में कुछ बदमाशों ने हिंदू समाज पार्टी के अध्यक्ष कमलेश तिवारी की खुर्शिदाबाद में 18 अक्टूबर को गला रेतकर हत्या कर दी थी। इस मामले के तार गुजरात तक पहुंचे थे। उत्तर प्रदेश की पुलिस ने गुजरात से हत्या में शामिल आरोपियों को गिरफ्तार किया था। फिलहाल यह पूरा मामला फास्टट्रैक कोर्ट में है। पुलिस ने इस हत्याकांड में 13 लोगों को आरोपी बनाया है। इन पर हत्या, आपराधिक साजिश रचने, साक्ष्य छिपाने, धोखाधड़ी, आर्म्स एक्ट, आरोपियों को संरक्षण देने, फर्जी दस्तावेज बनाने और आईटी एक्ट के तहत मामले दर्ज किए हैं ।
अब यह नये 2020 के फरवरी में दूसरी घटना सामने आई हैं ।
रिपोर्ट स्पर्श देसाई ●Metro City Post # MCP●News Channel●के लिए...
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