ट्रंप का आया टविट: मुजे मोदी पसंद भारत नहीं... / रिपोर्ट स्पर्श देसाई
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मुंबई / रिपोर्ट स्पर्श देसाई
ट्रंप का आया टविट: मुजे मोदी पसंद भारत नहीं..इसका अर्थ यह हुआ कि यह सभी भारतियों का अपमान हैं । फिर भी हम एक लाख भारतिय ट्रंप के स्वागत के लिये खडे होंगे क्योंकि हमारा जमीर और इगो मर चुका है।
ट्रंप के दौरे से पहले US एजेंसी की रिपोर्ट देखें तो भारत में खराब हुए धार्मिक आजादी के हालात । अमेरिकी एजेंसी की रिपोर्ट में यह दावा हैं । भारत में धार्मिक स्वतंत्रता की परिस्थिति खराब हैं ।डोनाल्ड ट्रंप के दौरे से पहले आई हैं यह रिपोर्ट । अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का दौरा शुरू होने से पहले अमेरिकी एजेंसी की एक रिपोर्ट भारत सरकार की चिंताएं बढ़ा सकती हैं । अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता संबंधी अमेरिकी आयोग (USCIRF) ने अपनी एक रिपोर्ट जारी की है, जिसमें भारत में धार्मिक उत्पीड़न के मामलों में बढ़ोतरी दिखाई गई है । साथ ही नागरिकता संशोधन एक्ट को लेकर चिंता व्यक्त की गई है । इस रिपोर्ट में भारत को टियर-2 की श्रेणी में रखा है, जो कि 'विशेष चिंता का देश' वाली श्रेणी है ।
USCIRF की इस रिपोर्ट में यह दावा किया गया है कि साल 2018 के बाद से भारत में धार्मिक उत्पीड़न के मामले बढ़े हैं ।. कुछ राज्यों में धार्मिक स्वतंत्रता की बिगड़ती परिस्थितियों को उजागर किया गया है, लेकिन सरकारें इन्हें रोकने का प्रयास नहीं कर रही हैं ।
रिपोर्ट में लिखा गया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उपद्रव को कम करने वाले बयान नहीं दिए और उनकी पार्टी के सदस्यों का हिंदू चरमपंथी के संगठनों से संबंध रहा. इन्हीं नेताओं ने भड़काऊ भाषा का इस्तेमाल किया । रिपोर्ट के जरिए अमेरिकी सरकार ने भारत सरकार के आगे कुछ सिफारिशें रखी हैं । जिनमें भड़काऊ भाषण देने वालों को कड़ी फटकार लगाना । पुलिस को मजबूत किया जाए ताकि एक्शन लिया जाए और पूजा स्थलों की सुरक्षा बढ़ाई जा सके । कई घटनाओं का जिक्र करने के अलावा नागरिकता संशोधन एक्ट पर चिंताएं व्यक्त की गई हैं और कहा गया है कि एक बड़े तबके में इससे डर का माहौल है ।
कया हैं अमेरिकी एजेंसी की रिपोर्ट ?
गौरतलब है कि मोदी सरकार के राज में कई बार ऐसे मामले आए हैं, जहां पर धार्मिक उत्पीड़न हुआ है । कई बार मॉब लिंचिंग, बीफ के नाम पर पिटाई, दलित उत्पीड़न के मसलों ने दुनियाभर में सुर्खियां बटोरी हैं, जिसपर विवाद हुआ है । अब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के आने से पहले इस तरह की रिपोर्ट सरकार की चिंताएं बढ़ा सकती हैं ।
USCIRF एक अमेरिकी एजेंसी है जो दुनिया भर में धार्मिक मसलों पर रिपोर्ट तैयार करती है, ये एजेंसी सीधा अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप, अमेरिकी संसद और अमेरिकी सेनेट को रिपोर्ट देती है ।
ट्रम्प का भारत दौराः सरकार घावों को देख रही है मगर मरहम लगाने के बजाए बस उसे छिपा देने की कोशिश में है ।
सरकार अमरीका के राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रम्प के भारत दौरे की तैयारियां कर रही है तो उसे एहसास हो रहा है कि बहुत से क्षेत्रों में बहुत कुछ करना अभी शेष रह गया है।
मीडिया में यह ख़बर आई कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के आगरा आगमन को ध्यान में रखते हुए यमुना नदी की पर्यावरणीय स्थिति में सुधार के लिए मांट नहर के रास्ते मथुरा में 500 क्यूसेक गंगाजल छोड़ा गया है। वहीं इससे पहले अहमदाबाद में झुग्गी-बस्तियों के सामने दीवार खड़ी करने की ख़बरें आई थीं।
अधिकारी कहते हैं कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के आगरा आगमन को ध्यान में रखते हुए मांट नहर के रास्ते 500 क्यूसेक गंगाजल मथुरा में छोड़ा गया है। यह पानी अगले तीन दिन में मथुरा और उसके 24 घण्टे बाद 21 फरवरी की दोपहर तक आगरा पहुंचेगा। कुछ विशेषज्ञ कहते हैं कि यदि आगरा में यमुना नदी के प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए 500 क्यूसेक गंगाजल छोड़ा गया है तो वह निश्चित रूप से प्रभाव डालेगा। इतना होने पर यमुना का पानी पीने योग्य भले ही न हो पाए, परंतु उसके दुष्प्रभाव व बदबू में तो कमी होने की आशा कर सकते हैं।
दि वायर की रिपोर्ट के अनुसार मथुरा में यमुना की स्वच्छता के लिए काम कर रहे श्रीमाथुर चतुर्वेद परिषद के गोपेश्वर नाथ चतुर्वेदी का कहना है कि गंगा से पानी छोड़कर कुछ खास लाभ नहीं होने वाला। इससे भले ही एक दिन के लिए सरकार की लाज बच जाए लेकिन कुछ नहीं बदलेगा। गंदगी शायद दूर हो जाए लेकिन बदबू दूर होने की संभावना बिल्कुल नहीं है।
ट्रम्प अहमदाबाद में ‘हाउडी मोदी’जैसे एक कार्यक्रम को संबोधित करने वाले हैं। ट्रंप पहले साबरमती आश्रम जाने वाले हैं और फिर वहां से इंदिरा ब्रिज के रास्ते हाल ही में बने मोटेरा क्रिकेट स्टेडियम तक जाना चाहेंगे। स्टेडियम जाने के रास्ते में कुछ दूर तक झुग्गी-बस्तियां हैं, जिसे छिपाने के लिए गुजरात सरकार सड़क के किनारे-किनारे ऊंची दीवार बनाई गई है। कहा गया था कि यह दीवार इसलिए बनाई गई ताकि भारत दौरे पर आ रहे अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को ये झुग्गी-झोपड़ियां न दिखें। अहमदाबाद नगर निगम ने नवनिर्मित मोटेरा स्टेडियम के पास एक झुग्गी में रहने वाले 45 परिवारों को बेदखली के नोटिस भी दिए हैं।
सवाल यह है कि इस प्रकार के महत्वपूर्ण दौरों के समय तो गहन समीक्षा की जाती है कि कौन सी नदी गंदी है ? कहां बदबू आ रही है ? कहां झुग्गियां हैं ? कहां कुपोषण से ग्रस्त लोग रहते हैं ? लेकिन जैसे ही दो या तीन दिवसीय दौरा पूरा हुआ सरकार की प्राथमिकताएं कुछ और हो जाती हैं। सरकार के दावे देखिए तो वह सबसे ज़्यादा ग़रीबों के लिए चिंतित नज़र आएगी लेकिन चाल चलन देखिए तो उसके सारे दावे खोखले महसूस होंगे।
◆रिपोर्ट स्पर्श देसाई √●Metro City Post # MCP●News Channel ◆ के लिए...
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