एक अप्रैल से अडानी ग्रुप के हवाले होगा, लखनऊ का चौधरी चरणसिंह एयरपोर्ट / रिपोर्ट स्पर्श देसाई

                   मुंबई / रिपोर्ट स्पर्श देसाई
                         

लखनऊ का चौधरी चरण सिंह अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट पर यात्री सुविधाओं का जिम्मा एक अप्रैल के बाद अडानी ग्रुप के हाथ सौंप दिया जायेगा । पिछले साल फरवरी में केंद्र सरकार ने एक्सप्रेशन ऑफ इंटरेस्ट के बाद अडानी ग्रुप को लीज पर लखनऊ एयरपोर्ट देने का लेटर ऑफ इंडेंट जारी किया था। इसी क्रम में भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण ने अब अडानी ग्रुप को एयरपोर्ट सौंपने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। एक अप्रैल से एयरपोर्ट अथॉरिटी के पास सिर्फ विमानों के ऑपरेशन के लिए एटीसी और नेवीगेशन की जिम्मेदारी रहेगी।



चौधरी चरण सिंह अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट के विकास और यात्री सुविधाओं को बेहतर बनाने के उद्देश्य से यह फैसला हुआ है। इसके तहत लखनऊ एयरपोर्ट के वर्तमान घरेलू व इंटरनेशनल टर्मिनल की यात्री सुविधाएं अडानी ग्रुप बेहतर करेगा। कार्गो से लेकर रनवे के विकास और एयरलाइंस से जुड़ी कॉमर्शियल एक्टिविटी ग्रुप के पास होंगी। एयरपोर्ट पर ट्रैफिक बढ़ाने के लिए भी निवेश होगा। इसके तहत एयरपोर्ट के बाहरी हिस्से से लेकर कानपुर रोड तक नये सिरे से पार्क व सड़क का निर्माण भी कराया जाएगा।

इसके शिफ्ट होंगे कर्मचारी लोग, भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण के 300 कर्मचारी लखनऊ एयरपोर्ट पर तैनात हैं। इसमें ऑपरेशन के अधिकांश कर्मचारी एटीसी व नेवीगेशन में लगे रहेंगे, जबकि कॉमर्शियल के कर्मचारी दो साल अडानी ग्रुप के साथ काम करेंगे। फिर उन्हें दूसरी जगह तैनात किया जाएगा।

सालाना 100 करोड़ की होगी आय, लखनऊ एयरपोर्ट वर्तमान में सालाना करीब 100 करोड़ रुपये की आय भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण को देता है। साल 2018 में लखनऊ एयरपोर्ट ने 118 करोड़ और साल 2019 में 95 करोड़ रुपये का राजस्व दिया था।

इसके मद्देनजर मिलेगी विकास को भी मिलेगी गति, अभी लखनऊ एयरपोर्ट के रनवे की लंबाई 2742 मीटर है, जबकि अंतरराष्ट्रीय मानकों के तहत बोइंग जैसे बड़े विमानों की लैंडिंग के लिए यह लंबाई 3500 मीटर होनी चाहिए। कानपुर रोड की ओर 800 मीटर रनवे के विस्तार का प्रस्ताव लंबित है। माना जा रहा है कि अब इस रनवे के विस्तार की अड़चन दूर हो जाएगी।

करार के हिसाब से नया टर्मिनल भी बदलेगा अपना स्वरूप, केंद्र सरकार ने लखनऊ एयरपोर्ट पर टर्मिनल तीन को बनाने के लिए 1380 करोड़ रुपये की मंजूरी पिछले साल दी थी। इस पर अब काम शुरू हो गया है। यह एकीकृत टर्मिनल 36 महीने में तैयार होगा। कोलकाता एयरपोर्ट की तरह प्रथम तल पर प्रस्थान के लिए ओवरब्रिज से वाहन गेट तक आएंगे, जबकि आगमन भूतल पर होगा। अडानी ग्रुप ने टर्मिनल तीन को बनाने की डिजाइन में बदलाव भी किया है।

जाने इस एयरपोर्ट के बारे में ,ऐसे अस्तित्व में आया था एयरपोर्ट, उद्योगपतियों और सरकार के इस्तेमाल के लिए लखनऊ एयरपोर्ट सन 1986 में बनाया गया था ।  यात्रियों की बढ़ती संख्या के बाद इस एयरपोर्ट को 17 जुलाई 2008 में अपग्रेड करने का निर्णय हुआ। मई 2012 में लखनऊ एयरपोर्ट को अंतरराष्ट्रीय दर्जा दिया गया। दो जून 2012 से नया थ्री टियर का करीब दो हजार यात्रियों की क्षमता वाला घरेलू टर्मिनल भी शुरू हो गया हैं और इसलिए खास है लखनऊ । 

दिल्ली के गंतव्य वाले विमानों को आपात स्थिति में लखनऊ एयरपोर्ट ही डायवर्ट किया जाता है। घने कोहरे में 50 मीटर की विजिबिलिटी के बावजूद विमानों की लैंडिंग कराने वाली कैट-3बी तकनीक से लैस यह देश का दूसरा एयरपोर्ट था। अब यह सिस्टम दिल्ली के अलावा जयपुर, अमृतसर व कोलकाता में भी है।

जानकारी हांसिल करे यात्री और विमान की संख्या के बारे में, अप्रैल से दिसंबर 2020 तक लखनऊ एयरपोर्ट से 3784 विमानों ने उड़ान भरी और 5.83 लाख लोगों ने यात्रा की। इस एयरपोर्ट से रोज करीब 100 घरेलू विमान लखनऊ आते और रवाना होते हैं। प्रतिदिन करीब 16 सौ यात्री अपना सफर करते हैं।

रिपोर्ट स्पर्श देसाई √●Metro City Post # MCP● News Channel ● के लिए...









              ◆Photos Courtesy Google◆

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