श्री रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के 15 ट्रस्टीगण की हुई नियुक़्तियां / रिपोर्ट स्पर्श देसाई



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           मुंबई / रिपोर्ट स्पर्श देसाई

श्री रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के जो 15 ट्रस्टीगण की  नियुक़्तियां हुई हैं, उसके बारे में संक्षिप्त में जाने । जिसके तहत सबसे पहले के. परासरण: ये सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील हैं। परासरण अयोध्या मामले में नौ सालों तक हिंदू पक्ष की पैरवी की थी। इंदिरा गांधी और राजीव गांधी सरकार में अटॉर्नी जनरल रहे। पद्म भूषण और पद्म विभूषण से सम्मानित हो चुके हैं। दूसरे हैं  जगतगुरु शंकराचार्य स्वामी वासुदेवानंद सरस्वतीजी महाराज (प्रयागराज): यह बद्रीनाथ स्थित ज्योतिष पीठ के शंकराचार्य हैं । इसी क्रम में तिसरे मध्वाचार्य स्वामी विश्व प्रसन्नतीर्थ जी महाराज हैं : यह कर्नाटक के उडुपी स्थित पेजावर मठ के 33वें पीठाधीश्वर हैं। इन्होंने दिसंबर 2019 में पेजावर मठ के पीठाधीश्वर स्वामी विश्वेशतीर्थ के निधन के बाद पदवी संभाली। चौथी नियुक्ति युगपुरुष परमानंद जी महाराज: यह अखंड आश्रम हरिद्वार के प्रमुख हैं। वेदांत पर इनकी 150 से ज्यादा किताबें प्रकाशित हो चुकी हैं। इन्होंने साल 2000 में संयुक्त राष्ट्र में आध्यात्मिक नेताओं के शिखर सम्मेलन को संबोधित किया था। पांचवें क्रमांक में हैं स्वामी गोविंददेव गिरि जी महाराज: इनका महाराष्ट्र के अहमद नगर में 1950 में जन्म हुआ। यह रामायण, श्रीमद्भगवद्गीता, महाभारत और अन्य पौराणिक ग्रंथों का देश-विदेश में प्रवचन करते हैं। स्वामी गोविंद देव महाराष्ट्र के विख्यात आध्यात्मिक गुरु पांडुरंग शास्त्री अठावले के शिष्य हैं। अब आगे 6वें नंबर पर हैं विमलेंद्र मोहन प्रताप मिश्रा: यह अयोध्या राजपरिवार के वंशज हैं। रामायण मेला संरक्षक समिति के सदस्य और समाजसेवी के रूप में कार्य करते हैं। आगे चलकर देखें ७वें क्रमांक को डॉ. अनिल मिश्र, होम्पयोपैथिक डॉक्टर: यह मूलरूप से अंबेडकरनगर निवासी हैं जो अयोध्या के प्रसिद्ध होम्योपैथी डॉक्टर हैं। वे होम्योपैथी मेडिसिन बोर्ड के रजिस्ट्रार हैं। वर्तमान में संघ के अवध प्रांत के प्रांत कार्यवाह भी हैं।  इसी सिलसिले में ८ वें नंबर पर हैं श्री कामेश्वर चौपाल, पटना (एससी सदस्य): संघ ने कामेश्वर को पहले कारसेवक का दर्जा दिया है। उन्होंने 1989 में राम मंदिर में शिलान्यास की पहली ईंट रखी थी। राम मंदिर आंदोलन में सक्रिय भूमिका निभाई।  अब नौवें नंबर परनज़र डाले तो महंत दिनेंद्र दास: यह अयोध्या के निर्मोही अखाड़े के अयोध्या बैठक के प्रमुख हैं। ट्रस्ट की बैठकों में उन्हें वोटिंग का अधिकार नहीं होगा।

तो १०वें क्रमांक पर ट्रस्ट में बोर्ड ऑफ ट्रस्टी द्वारा नामित एक हिंदू धर्म को शामिल किया जाएगा। (जो 10वां सदस्य होगा ।)

इसी तरह  ट्रस्ट में बोर्ड ऑफ ट्रस्टी द्वारा नामित एक हिंदू धर्म को शामिल किया जाएगा। (जो 11वां सदस्य कहलायेगा ।)

आगे १२ नंबर पर ? केंद्र सरकार द्वारा हिंदू धर्म का एक प्रतिनिधि नामित किया जाएगा, जो केंद्र सरकार के अंतर्गत भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) का अफसर होगा। सरकार द्वारा नामित यह व्यक्ति भारत सरकार के संयुक्त सचिव पद से नीचे का नहीं होगा। साथ ही यह एक पदेन सदस्य भी होगा । १३ वें नंबर पर राज्य सरकार द्वारा हिंदू धर्म का एक प्रतिनिधि नामित किया जाएगा, जो उत्तर प्रदेश सरकार के अंतर्गत भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) का अफसर होगा। सरकार द्वारा नामित यह व्यक्ति राज्य सरकार के सचिव पद से नीचे नहीं होगा। साथ ही यह एक पदेन सदस्य भी होगा। आखिरी दो में १४ वें क्रमांक पर अयोध्या जिले के कलेक्टर को भी ट्रस्ट का सदस्य बनाया गया है। कलेक्टर हिंदू धर्म को मानने वाला होना चाहिए। अगर किसी कारण से कलेक्टर हिंदू धर्म का नहीं हैं, तो अयोध्या के एडिशनल कलेक्टर (हिंदू धर्म) पदेन को ट्रस्ट का सदस्य बनाया जाएगाऔर सब आखरी १५वें सदस्य केरुप में ट्रस्टियों के बोर्ड द्वारा राम मंदिर विकास और प्रशासन से जुड़े मामलों के लिए चेयरमैन की नियुक्ति की जाएगी। उनका हिंदू धर्म का होना अनिवार्य है।
इस तरह 15 सदस्यों की नियुक़्तियां तय हुई हैं ।



रिपोर्ट स्पर्श देसाई √●Metro City Post # MCP●News Channel ◆ के लिए...

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