गुजरात हाई कोर्ट की जिस बेंच ने कोरोना पर राज्य सरकार से तीखे सवाल पूछे थे, वो बदल गई है / रिपोर्ट स्पर्श देसाई
【 मुंबई / रिपोर्ट स्पर्श देसाई 】
गुजरात हाई कोर्ट की जिस बेंच ने कोरोना पर राज्य सरकार से तीखे सवाल पूछे थे, दौरान कहा गया था कि वो बदल गई है । गुजरात हाई कोर्ट ने पिछले दिनों कोरोना संक्रमण को लेकर राज्य की विजय रूपाणी सरकार पर सवाल उठाए थे । 22 मई को कोर्ट ने अहमदाबाद सिविल अस्पताल की तुलना काल-कोठरी से की थी । 25 मई को कहा था कि कोर्ट खुद अस्पताल का निरीक्षण करने जाएगा । साथ ही राज्य सरकार को क्लीन चिट देने से भी मना कर दिया था । मामले पर सुनवाई चल ही रही थी कि 28 मई को हाई कोर्ट का एक नोटिफिकेशन आ गया । जानकारी दी गई कि कोरोना वायरस के मामलों की सुनवाई अब नई बेंच करेगी । ‘PTI’ की रिपोर्ट के मुताबिक, हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस विक्रम नाथ इस बेंच की अध्यक्षता करेंगे ।
इसके पहले 11 मई से जस्टिस परदीवाला इस बेंच की अगुवाई कर रहे थे और बेंच में जस्टिस इलेश वोरा भी शामिल थे लेकिन नए रोस्टर के मुताबिक, जस्टिस परदीवाला अब बेंच में जूनियर जज हो गए हैं । वहीं चीफ जस्टिस विक्रम नाथ ने एक और डिवीज़न बेंच बनाई है, अर्जेंट मामलों की सुनवाई के लिए । जस्टिस वोरा को इस बेंच में डाला गया है. उनके अलावा जस्टिस आर.एम. छाया भी इसका हिस्सा हैं ।
क्यों हो रही है यह सुनवाई?
दरअसल, कोरोना संक्रमण से गुजरात में अब तक 960 से ज्यादा की लोगों की मौत हो चुकी है ।वहां फैटेलिटी रेट 【 मृत्यु दर 】छह फीसदी से ऊपर है । जबकि नेशनल एवरेज 2.87 फीसद है । फैटेलिटी रेट यानी कुल कन्फर्म केसों में मरने वालों की संख्या का एवरेज । ये दर बढ़ने के साथ ही गुजरात सरकार के ऊपर रोजाना होने वाले टेस्ट में कमी लाने का भी आरोप लगा है ।
संक्रमण के मामले पर गुजरात सरकार के कामकाज पर हाई कोर्ट मार्च से लेकर अब तक 11 बार टिप्पणियां कर चुका है । कभी स्वत: संज्ञान लेकर, तो कभी सरकार के कामकाज के खिलाफ दायर याचिकाओं पर ।
◆रिपोर्ट स्पर्श देसाई √●Metro City Post● News Channel● के लिए...
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