इंडियन चैम्बर ऑफ कॉमर्स की बैठक में मोदी ने कहा कि जो पहले ही हार मान लेता है उसके सामने नए अवसर नजर नहीं आते / रिपोर्ट स्पर्श देसाई
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【 मुंबई / रिपोर्ट स्पर्श देसाई】
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 11 जून, गुरुवार को इंडियन चैम्बर ऑफ कॉमर्स (आईसीसी) के एनुअल प्लेनरी सेशन में कहा कि आईसीसी ने अपने गठन के बाद से आजादी की लड़ाई को देखा है, जिया है। किसी कसौटी से हम कैसे निपट रहे हैं। मुश्किलों से कैसे निपट रहे हैं, ये आने वाले अवसरों को भी तय करता है। हमारे यहां कहा जाता है कि मन के हारे हार, मन के जीते जीत। यानी हमारी इच्छा शक्ति ही हमारा आगे का मार्ग तय करती है। जो पहले ही हार मान लेता है उसके सामने नए अवसर नजर नहीं आते, लेकिन जो जीत के लिए प्रयास करता है उसके सामने नए अवसर भी उतने ही ज्यादा आते हैं।
अपडेट्स..
आईसीसी ने अपने गठन के बाद से आजादी की लड़ाई को देखा है, जिया है। सरकारों से मुसीबतें भी झेली हैं। भीषण अकाल, अन्न संकटों को देखा है। विभाजन की पीड़ा को देखा और सहा है। इस बार की एजीएम ऐसे समय हो रही है जब हमारा देश मल्टीपल चैंलेजेस को फेस कर रहा है। कोरोना वायरस से पूरी दुनिया लड़ रही है। भारत भी लड़ रहा है, लेकिन अन्य तरह के संकट भी निरंतर खड़े हो रहे हैं।
यह कार्यक्रम वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए हो रहा था । 10 दिन में ये दूसरा मौका होगा जब मोदी इंडस्ट्री के लोगों से जुड़े थे । इससे पहले उन्होंने 2 जून को कन्फेडरेशन ऑफ इंडियन इंडस्ट्री के एनुअल सेशन में इकोनॉमी पर बात की थी।
ये हमारी एकजुटता, मिलकर बड़ी से बड़ी आपदा का सामना करना, ये हमारी इच्छाशक्ति है, एक राष्ट्र के रूप में बहुत बड़ी ताकत है। मुसीबत की एक ही दवाई है- मजबूती। मुश्किल समय ने हर बार भारत के डिटरमेनेशन को मजबूत किया है। देशवासियों के संकल्प को ऊर्जा दी है। साल2019-20 में जीडीपी ग्रोथ 4.2%, 11 साल में सबसे कम उद्योग संगठनों के कार्यक्रमों में मोदी का शामिल होना इसलिए भी अहम है, क्योंकि कोरोना संक्रमण और लॉकडाउन की वजह से देश की इकोनॉमिक ग्रोथ रुक गई है। जनवरी-मार्च में जीडीपी ग्रोथ घटकर 3.1% रह गई। पूरे फाइनेंशियल ईयर (2019-20) में ग्रोथ सिर्फ 4.2% रही, ये 11 साल में सबसे कम है।
मोदी को हैं इकोनॉमिक ग्रोथ लौटने का भरोसा । मोदी ने कन्फेडरेशन ऑफ इंडियन इंडस्ट्री के प्रोग्राम में कहा था कि ग्रोथ जरूर लौटेगी और अनलॉक-1 के साथ इसकी शुरूआत हो गई है। सरकार को किसानों, छोटे-मध्यम उद्योगों और इंडस्ट्री लीडर पर भरोसा है। कोरोना के खिलाफ इकोनॉमी को फिर से मजबूत करने पर फोकस किया जा रहा है।
दुनिया को भारत से उम्मीदें, इंडस्ट्री को फायदा उठाना चाहिए । मोदी ने आत्मनिर्भर भारत अभियान पर भी जोर दिया था। उन्होंने कहा था कि देश के मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में अब मेड इन इंडिया, मेड फॉर वर्ल्ड की जरूरत है। लोकल मैन्युफैक्चरिंग बढ़ानी होगी। दुनिया एक भरोसेमंद पार्टनर की तलाश में है और भारत को लेकर भरोसा बढ़ा है। इंडस्ट्री को इसका फायदा उठाना चाहिए।
★ब्यूरो रिपोर्ट : स्पर्श देसाई √●Metro City Post● News Channel●
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