PPF से लोन ले, कम ब्याज रहेगा, 1 प्रतिशत ब्याज पर मिल जाएगा ऋण , जानिए क्या है प्रक्रिया ,नियम व शर्तें / रिपोर्ट स्पर्श देसाई
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【मुंबई / रिपोर्ट स्पर्श देसाई】
ज्यादातर लोग बिना जोखिम लिये लंबी अवधि के लिए PPF (Public Provident Fund) को ही चुनते हैं. लेकिन, बहुत कम लोगों इस पर ध्यान देते हैं कि फाइनेंशियल परेशानी के समय उनका PPF अकाउंट बेहद सस्ती दर पर लोन लेने में मदद कर सकता है. टैक्स और इन्वेस्टमेंट एक्सपर्ट्स का मानना है कि PPF के माध्यम से लोन लेना बैंक रिटेल लोन, गोल्ड लोन या एफडी पर लोन लेने से ज्यादा फायदेमंद होता है. ऐसे में अगर मौजूदा संकट में आपको कुछ राशि की जरूरत है और आपने पीपीएफ में इन्वेस्ट किया है तो आप इस विकल्प का लाभ उठा सकते हैं.
कितनी होगी लोन की रकम?
एक्टसपर्ट्स का कहना है कि PPF बैलेंस पर लोन लेना वाकई में किसी भी पर्सनल लोन, गोल्ड लोन या एफडी पर लोन लेने से कहीं बेहतर विकल्प है. लेकिन, इसमें एक बात का ध्यान रखना होता है कि आपके लोन की रकम इस बात पर निर्भर करेगी कि आपने PPF अकाउंट (PPF Account) में कितनी रकम डिपॉजिट कर रखी है. जबकि, रिटेल बैंकिंग लोन आपके मासिक आय पर निर्भर करता है.
क्या है लोन की शर्त?
PPF अकाउंट पर लोन की सुविधा तीसरे साल से मिलनी शुरू होती है. लोन की यह सुविधा आपके PPF अकाउंट खोलने के तीसरे साल से लेकर छठे साल तक मिलती है. जब एक बार आपका PPF अकाउंट 6 साल पुराना होता है तो आप PPF विड्रॉल (PPF Withdrawal Rules) कर सकते हैं. आपके PPF अकाउंट में दूसरे साल के अंत में जितनी रकम जमा होगी उस रकम का 25 फीसदी हिस्सा लोन के तौर पर ले सकते हैं.
देना होगा सालाना 1 फीसदी ब्याज
केंद्र सरकार दिसंबर 2019 में PPF स्कीम 1968 को PPF स्कीम 2019 से बदल दिया था. नये PPF स्कीम में कई तरह के बदलाव किये गये थे. इन्हीं में से एक PPF पर लोन (Loan Against PPF) के लिए ब्याज भी था. अगर कोई व्यक्ति PPF अकाउंट के अगेन्स्ट लोन लेता है तो इस पर उन्हें केवल 1 फीसदी ही ब्याज (Interest on PPF Loan) देना होगा. पहले यह ब्याज दर 2 फीसदी था.
लोन लेने पर कबसे ब्याज देना होगा?
यह ब्याज दर उस महीने के पहले दिन से चार्ज किया जाएगा, जिस महीने में लोन लिया गया है. मान लीजिए कि कोई व्यक्ति अन्य शर्तों को पूरा करने के बाद 50 हजार रुपये का लोन ले रहा है तो उसे सालाना 1 फीसदी ही ब्याज देना होगा.
क्या हैं भुगतान के नियम?
एक्सपर्ट्स के मुताबिक, इस बात का भी ध्यान देना होगा कि इस लोन का भुगतान 36 महीनों में करना होता है. ब्याज को दो मासिक इंस्टॉलमेंट में ही जमा करने का प्रावधान है. मूल राशि जमा करने के बाद ब्याज की रकम करनी होगी. अगर 36 महीनोंं के अंदर लोन नहीं जमा किया जाता है तो आउटस्टैंडिंग रकम पर 6 फीसदी की दर से ब्याज देना होगा ।
◆ब्यूरो रिपोर्ट : स्पर्श देसाई √●Metro City Post● News Channel●
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