अब उठने लगी है सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता की बर्खास्तगी की मांग / रिपोर्ट स्पर्श देसाई
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अब उठने लगी है सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता की बर्खास्तगी की मांग । सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता अब हाईकोर्ट के न्यायाधीशों को धमकाने पर उतर आये हैं। शायद वे सोच रहे हैं कि सोहराबुद्दीन एनकाउंटर केस या जस्टिस लोया की संदिग्ध मौत जैसे मामले । प्रवासी
मजदूरों के मामलों की तरह मैनेज हो जायेंगे। तुषार मेहता की उच्चतम न्यायालय में की गयी अमर्यादित तीखी टिप्पणियों का मामला अब तूल पकड़ता जा रहा है। तुषार मेहता ने दुर्दशाग्रस्त प्रवासी मजदूरों के प्रति जो अहंकारी असहिष्णुता दिखाई है, उससे उनकी कड़ी आलोचना हो रही है। देश के 19 हाईकोर्टों जहाँ कोविड-19 से सम्बन्धित मामलों की सुनवाई हो रही है, पर समानांतर सरकार चलाने के तुषार मेहता के आरोप को उच्च न्यायालयों को धमकाने का प्रयास माना जा रहा है। जब प्रवासी मजदूरों से सम्बन्धित सभी याचिकाओं में बिना शपथपत्र लिए उच्चतम न्यायालय ने सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता की सभी बातें मान लीं तो उनका अहंकार स्वाभाविक है।
इंडियन एक्सप्रेस में तो तुषार मेहता की बर्खास्तगी तक की मांग शुरू हो गयी है। तवलीन सिंह ने अपने लेख में कहा शहै कि उच्चतम न्यायालय में तुषार मेहता द्वारा की गयी अमर्यादित टिप्पणियों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार को इतना ज्यादा नुकसान पहुंचाया है, जितना विपक्ष भी नहीं पहुंचा सका है। इसका कारण यह है कि मेहता ने सड़क पर पैदल चलने वाले उन प्रवासी मजदूरों के प्रति अहंकारी असहिष्णुता दिखाई है, जिन्होंने कोविड-19 में अपना सब कुछ खो दिया है। प्रवासी मजदूरों का जितना नुकसान कोविड-19 ने नहीं पहुंचाया उससे ज्यादा कार्यपालिका की आपराधिक लापरवाहियों ने पहुंचा दिया है। प्रधानमन्त्री से तुषार मेहता को बर्खास्त करने की मांग की गयी है।
◆ब्यूरो रिपोर्ट: स्पर्श देसाई √●Metro City Post● News Channel●
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