पुराना सोना खरीदने पर जीएसटी नहीं है लेकिन व्यापारी जब उसको वापस बेचता है तो उसे टैक्स देना पड़ता है / रिपोर्ट स्पर्श देसाई
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【मुंबई / रिपोर्ट स्पर्श देसाई】
देश के सर्राफा के सामने हैं यक्ष प्रश्न- वह कौन सा हैं ? जाने;
दिनांक 5 जून की सुबह दिल्ली के ज्वेलर्स ₹48500 के भाव में शुद्ध सोना ले रहे थे । उस हिसाब से 22 कैरेट शुद्धता का सोना का भाव44458 रुपए बनता है । इस भाव में सोना खरीद कर वे सोने की ज्वेलरी का भाव46080 मे बेच रहे हैं । मतलब रा मटेरियल पर तैयार प्रोडक्ट के भाव में केवल 3. 650% का वैल्यू एडिशन ले रहे हैं । क्या यह अंधेर गर्दी कहलाती है? इतना कम वैल्यू एडिशन शायद ही दुनिया का कोई दूसरा देश लेकर ज्वेलरी बेचता हो । विदेशों में एक ज्वेलरी रिटेल में 200 से 300% तक value ऑडिशन से बिकती है ।आभूषण पीस की सीधी कीमत आगे लिखी रहती है । उनके इंवेसिस 【bill】में कहीं भी यह नहीं बताया जाता कि इसमें सोने की कीमत यह है और मजदूरी यह है । हर ज्वेलरी पीस बनाने में एक लागत आती है । इसे रा मटेरियल के भाव में कदापि नहीं बेचा जा सकता और क्या आपने कभी धागे के भाव कपड़ा बिकता देखा है । हर ज्वेलरी पीस अपने आप में इंडिविजुअल और यूनिक है हर ज्वेलरी पीस में बनाने को कितना समय लगा ? उसमें शिल्प की लागत क्या आई है ? ग्राहक पटाने में आपके शोरूम की कितनी लागत लगती है ? ऐसी बहुत सी लागतो का समावेश किया जाता है ।
₹ 46080 का बेचा माल ₹ 40260 मे वापस से ले रहे हैं । मतलब ₹100 के ₹ 87.37 वापस दे रहे हैं । क्या यह गैर वाजिब है ? इसे गैर वाजिब ठहराने का पैमाना क्या है ? एक आभूषण के निर्माण में कितना श्रम शक्ति और कितना श्रम वक्त लगता है ? उस पर क्या-क्या लागते आती है ? और उस पर नुकसान होने के जोखिम क्या है? यह जानना भी बहुत जरूरी है । ऑब्जेक्शन क्या है मेरी समझ से परे है ? अगर कोई शादी में ₹200000 का लहंगा एक बार ही पहनकर वापस बेचने जाए तो कितने पैसे मिलते हैं ? कोई मुझे यह बताएं कि बैंक 22 ct की गिन्नी कितने में बेचता है ? और बड़ी रिफाइनरी वाले कितनी वैल्यू एडिशन से बेच रहे हैं ? और वापस कितने में लेता है ?और बैंक वापस यही नहीं लेतासबको मालूम है कि गिन्नी बनाने में बहुत कम श्रम शक्ति और श्रम वक्त लगता है । भारत में आवश्यक वस्तु कीमत नियंत्रण कानून लागू है । ऐसी कीमत नियंत्रित करना जिस पर किसी आवश्यक वस्तु का क्रय या विक्रय किया जा सकेगा । कोई मुझे बताएं ,क्या सोने चांदी की वस्तुओं को आवश्यक कीमत नियंत्रण कानून के अंदर शामिल कर दिया गया है?
पुराना सोना खरीदने पर जीएसटी नहीं है लेकिन व्यापारी जब उसको वापस बेचता है तो उसे टैक्स देना पड़ता है । भारत का सराफा सबसे ज्यादा अनुशासित और कानून की पालना करने वाला है । भारतीय सराफा जगत को यह मालूम ही नहीं है कि मुनाफाखोरी-रोधी नियमों का किस तरह अनुपालन किया जाए? असल में इसकी वजह यह है कि भारत में इस तरह का कोई कानून ही नहीं है । समस्याओं पर हर उपदेश के साथ सोल्यूशन देना भी जरूरी है इसलिए बहुत जरूरी है कि डोमेस्टिक काउंसल फॉर जेम एंड ज्वेलरी को शीघ्रतम शुरू करवाया जाए ।देश का सर्राफा सरकार के आदेश का पालन करेगा या प्राइवेट फतवे का या सर्राफा समाज अपने बनाए हुए नियमों का पालन करेगा 【code of conduct 】?
यह बहुत ही विचारणीय प्रश्न है । गलत और ठीक करने या कहने का अधिकार किसको मिलेगा? ऐसा दिल्ली से इंडिया ज्वेलर्स फोरम के चैयरमेन राकेश कुमार ने अपनी बात में कहा था ।
★ब्यूरो रिपोर्ट स्पर्श देसाई √●Gold Dust ●News Channel● Via √●Metro City Post● News Channel●
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